Thursday, November 5, 2009

कारनामे कोंडा के

बात निकली हे जारखंड की तो बात करते हे मधु कोंडा की बेचारा कोंडा केसे फस गया पॉलिटिकल मछ्वारो की जाल में एक दिन १०० रुपे में सुखी रहने वाला कोंडा आज करोडो पाकर भी दुखी हे क्योके केन्द्र की कांग्रेस गवर्मेन्ट नाराज़ हो गई हे शायद ये सब क्या हुवा केसे हुवा ये बात ही चोचते होगे मधु कोंडा कल तक बी.जे.पि. में विधायक रह चुके मुंडा ने बाबूलाल मरांडी सर्कार की गिराकर बनी सरकार में मंत्री बने और बाद किये गए गोटाले तब तक तो केंद्र भी चुप था क्यों के वहा से बी.जे.पि.सरकारको दूर करना था इस लिए बाद में कोंडा की राज्य का चीफ मिनिस्टर बनाने भी मदद करने में कोई कसर ना छोड़ी उसके बाद राष्ट्रपति शासन लागु किया और २००९ के लोकसभा चुनाव में टिकिट भी नहीं दिया नाराज मुंडा ना तो बी.जे.पि. के पास जा शकते थे और कांग्रेस ने का हनीमून ख़तम हो गया फिर भी कोंडा ने हार नहीं मानी निर्दलीय उमेदवार के रूप में ए कोंडा ने चुनाव जित लिए और केन्द्रीय मिनिस्टर भी बन गए लेकिन जारखंड के विधानसभा चुनाव घोषित हो गये अब कोंडा फेक्टर काम करता तो ना जीते कांग्रेस ना जीते बी.जे.पि. ये बात सरकार को पसंद नहीं ई और गले का ये कांटा दूर करने के इए आयकर मंत्रालय को सोपा गया आयकर मंत्रालय ने मारे छपे के मुताबिक कोंडा का आय से अधिक सम्पति का जाच किया और मिडिया के जरिये सामने ए हजारो करोडो की सम्पति ये क्या हुवा केसे हुवा ये तो बिचारे कोंडा को भी पता नहीं चला और जनता समज रही हे और बात कर रही हे कोंडा के कारनामो की माफ़गर ये कारनामे के पीछे तो बहोत सारे लोग हे ये भोली जनता को कहा पता हे के आखिर पॉलिटिक्स कहा हे.
दरशल बात ये हे के जार्खंड में कुल मिलके विधानसभा के ८२ सिट हे और कोंडा फेक्टर काम करता तो नुकशान कांग्रेस भाजपा दोनों को था 3 लोकसभा क्षेत्र में अगर कोंडा निर्दलीय के रूप में वोट लेता हे तो विधान सभा की 21 सिट पर वो निर्दलीय विधायक खडा करके कांग्रेस भाजपा दोनों की बिगड़ शकता था आखिर केन्द्र ने कोंडा के सामने आखे लाल की आयकर मंत्रालय ने हाल तो अरबो रुपे के कारनामे दिखाए मगर ये बात कितनी चच हे ये फेसला तो कोर्ट करने वाली हे ने न्याय प्रणाली इतनी घटिया हे के किसी का कुछ होने वाला नहीं हे कांग्रेस ने राजनीती खेला भाजपा को मुफ्त में तमासा देखने को मिला और मनोरंजन कर रही हे जनता तो ये खेल देख के मुह में अंगुलिया डाल ली क्यों के खेल तो हेरात अंगेज हे ही और सरकार ने कोंडा के गोतले खोले मगर इनमे बात ये के कोंडा सत्ता में तब सब मिल बातके खाते थे तब क्यो किसी ने आवाज़ नही निखाली सब खो मिठाई खाने में इंट्रेस था तब कोंडा आपने हाथो से बनाई मिठाई खिलाते थे.अब कोंडा खाना बिगाड़ ने में था तो तुंरत ही उनको नया कुक घोषित कर दिया और उनकी पुराणी मिठाई तो सब ने कांग्रेस भाजपा दोनों ने खायी हे मगर अब ज्यादा खाने का नुकशान अकेले कोंडा भुगत रहे अब उश्के साथ कोई नही हे ये तो बात ठीक नही हे दवैया भी सब को खानी चाहिए अकेले कोंडा को ही क्यो ? साथ तो भारत की दो बड़ी पार्टी कांग्रेस और भाजपा ने दिया ही हे

और अगर कोंडा दोषित हे तो तो रजा क्यो नही ? सबसे बड़े कम्युनिकेशन गोताला करने वाले राजा का तो कोई नम नही ले रहा हे आयकर प्रधान मंत्री वित् मंत्री क्यो के तमिल नाडू में करुनान्धी फेमली के पास २४ सिट हे को केन्द्र को नचा भी शकते हे इस लिए और कोंडा रह गये बिचारे अकेले और वो भी बिना बेक ग्राउंड वाले हे इस लिए

मगर ये कहा जानती हे के इनके पीछे ये खेल कोण कराने वाला कोन हे.इनकी नजर में तो कोंडा ही ए आएगा मगर ये कोंडा अगर पुरे देश में गों ने बैठेगे तो कितने नाम आयेगे
अमरसिंह,मुलायमसिंह,अजितसिंह,लालूयादव.साधूयादव,केप्टनअमरेन्द्रसिंह,बादलफेमेली ,वसुंधरा,सिंधिया,ओमरअब्दुला,मुफ्तीशैयद,,फारुख अब्दुला,दिग्विजयसिंह उर्फ़ दिगी राजा,तरुण गगोई विलासराव देशमुख,राजीव गाँधी हिंदुजा फेमली जगजीवनराम मिराकुमार जगदीश टाईटलर ज्योर्जफर्नाडिस करुना निधि जे ललिता उकेस्श अम्बानी अमिताभ बच्चन अनिल अम्बानी.;
नामी अनामी एम.एल.ऐ.मगर जिस के पास सत्ता हे वो ही करवाता हे कोनाडा के साथ और खुद छुट जाते हे ओटावियो क्वोत्राची की तरह ये तो हे इंडिया.

!इस लिए तो बोलते हे अह डार्लिंग ये हे इंडिया !

Monday, June 22, 2009

आज कुछ टाइम से भारत में वेस्ट बंगाल का लालगढ़ छाया हुवा हे इस मुद्दे पे राजनीतिक बहस बहोत चल रही हे पर इस में सचाई क्या हे ये कोई जानना नहीं चाहता बस अनजान के ये देश के दुश्मन हे देशवासी को इतना बता दिया जाता हे के ये नक्सलवाद के नाम पे जनता की ऊल्लू बनाने की कोसिस हो रही हे आखिर ये नक्सलवादी चाहते क्या हे ये वो लोग हे जो सदियों से सोचित हे वंचित हे न तो वहा कोई प्राइमरी फेसिलिटी हे ना एजुकेशन हे और फिर उ़पर से देश के दुश्मन घोषित किया जा रहा हे और लुटेरे घोषित कर दिए हे मगर चचाई ये नहीं हे उन लोगो का भी कोई ध्येय हे वो ध्येय के लिए लड़ रहा हे
यहाँ एक चीज हे मरता भी आपना हे मरता भी आपना हे. उन लोगो के सामने जरुरत पड़ने पर मिलेट्री का इस्तमाल किया जाता हे या फिर अर्ध सेनिक दल सि.आर.पि.एफ.या फिर सि.आई.एस.एफ.या फिर अन्य दल के नो जवानो को भेज दिया जाता हे क्योके सरे नोजवान गरीब घरके हे मरे तो मरे पर पुजिवादियो के गहर तो भरते हे.ज्यादातर मिलेट्री में भी गाव के किसानो के बेटे या मजदूरों के बेटे हे कोई बड़ा पॉलिटिकल लीडर या अभिनेता या फिर जानामाना बिजनेसमेन आपने संतान को आर्मी में भेजेगा किया ? और ये वाचित लोगो के सामने लडाई करेगा तो या तो वो मरेगा या ये लोग मरेगे याने के मरता भी अपना हे मरता भी अपना हे. आज तक कम्युनिस्ट पार्टी ने उसको सपोट किया क्यों और इन लोगो ने उसपे प्रतिबंध नहीं डाला क्यों के चच्ची लोकशाही की यही पहेचान हे मगर पूजीवादी सरकारों ने प्रतिबंध लगा दिया था मगर वो सिर्फ नाम का हे वो भी आजतक कुछ प्रतिबंध लगा के कर नहीं पाए हे क्योके एक गुन्डे को पकड़ना आसान हे मगर आपना सही ध्येय वाले देश को तुम नहीं मार शकते ये अब दिन प्रतिदिन ध्येय की लडाई बनती जा रही हे और पुरे देश में उसकी ज्वाला एक दिन फेल जायेगी.
एक दिन एक बड़े लीडर मानिस तिवारी ने इंडिया टीवी के सामने ऐसा बोला के ये देश के दुश्मन हे ये अगर दुश्मन हे तो तुम लोग देश के कोंसे बड़े दोस्त हो आज़ादी के 63 साल के बाद भी तुमने इन लोगो की स्थिति में कोई सुधर नहीं लाया हे तो ये क्या तुम्हें राम मंदिर में बिठाके पूजा करेगे तो देश के दुश्मन क्यों बन गए ये क्यों लडाई के वक़्त बंगले तोडे क्यों कोई गरीबो को नहीं जलाया आप लोगो ने तो गरीब शिखो को भी नहीं छोडा था दंगो में तो तुम कोण थे और श्रीलंका की मिलेट्री को वेपन देके 2,000,00, तमिलों के जान लिया तब तुम कोंसे बड़े मानवता के पुजारी हो जो ये लोग देश के दुश्मन हे अगर कोई अपना हक़ इश देश की सम्पति पर जताए तो वो देश का दुश्मन बन जाये मगर याद रखो देश की सामान्य जनता उश्के साथ हे हमारे भाई हे वो लोग और बुरे वक़्त उश्का सपोर्ट करना हमारा फर्ज मानते हे इस लिए आप महेलो में रहने वालो के दुश्मन होगे पर हमारे जेसे गरीब किसानो के बेटे के वो दोस्त ही नहीं बलके भगवान से भी ज्यादा हे क्यों तुम्हारे बेटे को मरने के लिए मिलेट्री में नहीं भेजते हो वो अगर देश के दुश्मन हे तो उसके सामने लडाई लड़ने के लिए इंडियन आर्मी में आपने बेटे को भेज के आपने देश भक्ति का साबुत देश की जनता के सामने क्यों नहीं रखते हो

आप के पास ये तब तुम्हे इनके ही बेटे याद आते हे सहादत देने केलिए गरीब किसान और मजदुर का बेटा सम्पति बटने के लिए तुमरे परिवार के बहोत सारे नाम हे !और वो भी आप के परिवार के ज्यादा नाम हे और इस लड़ी में देश की सामान्य जनता को कोई नुकशान नहीं हे अगर नुकसान हे तो देश के दुश्मन और अमेरिका इंग्लैंड के और वर्ल्ड बेंक के पास भारत की सम्पति को गिरवी रख के पैसा लेने वाला लोगो को और स्विच बेंक में खाते रखने वाले लोगो को नुकशान हे मगर जोप्दा में रहने वालो को कुछ गवाना नहीं हे सिर्फ आपने हाथ में बंधी जंजीरे निकाल कर फेक्देगे तो उन्हें भी बहोत कुछ मिलेगा जो इन को सदियों से नहीं मिला हे और उनकी गुलामी भी ख़तम हो जायेगी .

Friday, June 19, 2009

गुजरात सरकार मल्टी नेशनल कंपनी को एकदम सस्ते भाव पे जमीन देके देश की अमूल्य सम्पति पूजीवादी यो के पास लुटा रही हे हरसाल और गुजरात के लाखो गरीब बेरोजगारों को सरकार प्रवाशन उधोगीकरण के नाम पे और ज्यादा गरीब बन रहे हे क्योके इनके पास गाव में छोटी मोटी लारी चलाना टेक्सी चलने के छोटे धंधे हाथ में ये बंध करवा रही हे.गुजरात के आदिवाशी एरिया में खेत की जमीन सेज के नाम पे कंपनी को दे रही हे और हजारो आदिवाशी को गुलाम बनाने के धंधा कर रही हे और न मानने वालो पे पुलिस का भी इंतजाम कर रथी हे ऐसा ही आजकल पोरबंदर में हो रहा हे बर्षो से यहाँ आपना महेनत का कमाई महिला और गरीब शाकभाजी बेचने वालो को हटा दिया भाजपा आगेवन और भाजपा शासित नगरपालिका ने एक ही जटके में कही परिवारों के रोटी से वंचित करने का काम किया हे आज ऐसी ही नीति रही तो गुजरात भी छतीसगढ़ और बंगाल बिहार की तरह नक्सलवाद का अड्डा बन जायेगा क्यों के जब महेनत करके कमाने वाले पर भी सरकार ऐसे जुलम उठाएगी तो उन लोगो के पास 2 बाते रहती हे
1 यातो आत्महत्या करके मरजाना 2 या फिर चोरी लुट डकेती करना तो ये सरकार शायद यही चाहती हे लोग ब्रिटश ईस्ट इंडिया कम्पनी की तरह गुलाम बन और यहाँ सिर्फ नाम बदलेगा क्योके असली शासन कम्पनी टाटा,अदानी,टोरंट,अम्बानी,निरमा चला रही हे याने के पहले और आज सिर्फ नाम बदला हे बाकि काम वाही हे के भारत के परम्परागत धंधा करने वाले छोटे लोगो को मिटादो,यही काम आज ये पोरबंदर के भाजप के अगेवान और नगरपालिका के माननीय प्रमुख सुनील भाई कर रहे हे ये लोग भूल गे हे के नगरपति पुरे शहर का पिता होता हे जनता उश्के बच्चे के समान होती हे लेकिन ये गाव में गंदकी हटाना उसका पहला कर्तव्य हे लेकिन ये लोग सत्ता के नशे में भ्रूण हत्या करने वाले कंच बन गए हे ,में उन लोगो से पूछता हु के क्या आर.एस.एस.वालो ने आप को गरीबो हटावो सिखाया था मरे एक दोस्त ने मुजे अहमदाबाद में पूछा के पोरबंदर में आजकल क्या नया चल रहा हे !
ये लोग तो भूल गए हे के सत्य क्या हे लेकिन हम सब इस शहर के नागरिक होने के नाते उन गरीबो के साथ अनसन पे बेठने के लिए जाना चाहिए क्योके आज उन पर हे कल हम लोग भी इन का सीकर बन शकते हे .
उशका एक ही जवाब था के पोरबंदर भाजपा शासित नगरपालिका ने "गरीबो को हटावो देश को पूजीवादी बनादो " अभियान शरु किया हे अभियान की अगवाई लिहे नगरपालिका प्रमुख सुनील भाई गोहेल ने